Wednesday, 11 September 2019

रिटायरमेंट के बाद खाली हाथ नहीं रहना चाहते हैं तो निवेश के ये 3 तरीके अपनाएं

अच्छी चिकित्सा सुविधाओं के चलते शहरी इलाकों में औसत उम्र बढ़ी है. 80 और 90 साल की उम्र के लोगों को देखना असामान्य नहीं रहा है.
Image result for रिटायरमेंट के बाद
अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग में महंगाई की दर को जरूर ध्यान में रखें.
रिटायर हो चुके लोगों के सामने एक बड़ी चुनौती होती है. वे इस बारे में लगातार सोचते हैं कि उनकी रिटायरमेंट सेविंग्स जीवनभर कैसे चले. यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति बड़ी समझदारी से काम करते हुए बचत करता है और ठीकठाक रकम जुटा लेता है तो भी गारंटी नहीं है कि रिटायरमेंट के बाद लंबे समय तक वह रकम चलती रहे. इसके पीछे तीन मुख्य बातें होती हैं. पहला, रिटायरमेंट के बाद लंबा जीवन, जल्दी रिटायरमेंट और घटती ब्याज दरें.

यूएन पॉपुलेशन फंड की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) में बढ़ोतरी हुई है. 1994 में यह 60 साल थी. 2019 में यह बढ़कर 69 साल हो गई है. यह औसत उम्र है.

च्छी चिकित्सा सुविधाओं के चलते शहरी इलाकों में औसत उम्र बढ़ी है. 80 और 90 साल की उम्र के लोगों को देखना असामान्य नहीं रहा है. भविष्य में स्थिति और बेहतर होने की उम्मीद है.

इसने जरूरी कर दिया है कि अब आप रिटायरमेंट के बाद 20-25 साल को लेकर प्लानिंग करें. पहले इसके लिए 15-20 साल काफी होते थे. यह भी देखने में आया है कि लोग अब जल्दी रिटायर हो रहे हैं. इसका मतलब है कि उनके पास बचत करने के लिए कम समय है जबकि खर्च करने के लिए ज्यादा वक्त है.

ये सभी बातें ऐसे समय में हो रही हैं जब फिक्स्ड इनकम की ब्याज दरों में गिरावट जारी है. निवेश के परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया है. एफडी पर सीनियर सिटीजन को करीब 7 फीसदी ब्याज मिल रहा है. सबसे आकर्षक विकल्प सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर ब्याज की दरें 8.6 फीसदी हैं. इसमें भी जल्द बदलाव संभव है.

हमने तीन विकल्पों की पहचान की है जिनका फाइनेंशियल प्लानर सुझाव देते हैं. ये रणनीतियां रिटायरमेंट में मंथली इनकम के लिए एक करोड़ रुपये का इस्तेमाल कैसे करती हैं, यह भी हमने बताया है. इन 3 स्ट्रैटेजी में फिक्स्ड इनकम विकल्पों पर निर्भर करने वाली ट्रेडिशनल एप्रोच, थोड़ा जोखिम लेने वाली मॉडरेट एप्रोच और बकेट स्ट्रैटेजी शामिल हैं.

क्या 1 करोड़ रुपये काफी है?
आज रिटायरमेंट सेविंग्स के लिए एक करोड़ रुपये की रकम काफी लगती है. कोई 60 साल का होने पर एन्युटी प्लान खरीदता है तो उसे जीवनभर करीब 70,000 रुपये की मासिक पेंशन मिल सकती है. लेकिन, निवेशक की मौत पर इसमें उत्तराधिकारियों को मूल रकम वापस नहीं मिलती है. अगर वह चाहता है कि उसके कानूनी उत्तराधिकारियों को एक करोड़ रुपये की मूल रकम मिल जाए तो उसकी इनकम करीब 52,000 रुपये प्रति महीना होगी. यह ठीक लगता है, है न?

लेकिन, सच में यह काफी नहीं है. 52,000 रुपये की पेंशन आज भले काफी लग रही हो, पर यह स्थिति ऐसी ही नहीं रहेगी. हर गुजरते दिन के साथ महंगाई खर्चों को बढ़ा देती है. यहां तक कि मामूली महंगाई की दर का भी असर पड़ता है. सालाना 6 फीसदी महंगाई की दर भी 10 साल में मासिक खर्चों को 90,000 रुपये पहुंचा देगी. 20 साल में यह 1.6 लाख रुपये हो जाएगी.

दूसरे शब्दों में कहें तो 20 साल में एन्युटी से पेंशन आज के मुकाबले एक-तिहाई रह जाएगी. आज रिटायरमेंट प्लानिंग में महंगाई को ध्यान नहीं रखने वाले व्यक्ति को बुढ़ापे के साल गरीबी में बसर करने पड़ सकते हैं.
 capitalstars

Capitalstars is a SEBI registered investment advisor. Schedule a call with Capitalstars investment consultant or drop a mail at backoffice@capiltalstars.in and we will get in touch with you. You may also call us on 9977499927.


We will be happy to help you plan your retirement. ☺


Get more details here: 
Mcx Tips, Derivative-Free TrialStock tips
Call on:9977499927
* Investment & Trading in securities market is always subjected to market risks, past performance is not a guarantee of future performance.

No comments:

Post a Comment

आप जानते हैं नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) क्या है.

Capitalstars Investment Advisor इस योजना में अपने रिटायरमेंट के बाद के जीवन के लिए निवेश किया जाता है. व्यक्ति के निवेश और उस पर मिलने ...